
तिरंगा
लिख पाऊं कुछ इसकी शान में इतनीमेरी औकात कहां,समेट ले चंद अल्फाजों में कलम में ऐसी बात कहां। नाम इसका सुनते ही खून मेरा खौल जाता है,खून का हरेक कतरा हिंदुस्तान हिंदुस्तान चिल्लाता है। वीरों के बलिदान का रंग केसरी इसमें समाता है,हौंसले की हवा मे ये बेबाक लहराता है। शांति के लिए न्योछावर हो…